स्वास्थ्य, सुख, और यौन संतुलन – ये हैं हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से, लेकिन आजकल की जीवनशैली में, इन लक्षणों की कमी से लोग परेशानी महसूस करते हैं। खुद को शारीरिक रूप से मजबूत और ऊर्जावान बनाने के लिए, हम अक्सर उपचारों की तरफ बढ़ते हैं, लेकिन क्या आपने कभी गोखरू के चमत्कारी गुणों के बारे में सोचा है?
गोखरू, एक आयुर्वेदिक हर्ब, है जो सदियों से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में प्रयोग हो रहा है। यह हर्ब आपके घर के आसपास ही मिल जाता है, और इसके छोटे फल पर कांटे लगे होते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम जानेंगे कि गोखरू के सेवन से हमारी सेहत को कैसे मिलते हैं अनगिनत फायदे और कैसे इसका सेवन सेक्सुअल समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको बताएंगे कि गोखरू क्या है, गोखरू के फायदे पुरुषों के लिए, कितने दिनों तक खाना चाहिए, कब लेना चाहिए, और गोखरू के साइड इफेक्ट.
- गोखरू क्या है
- गोखरू के फायदे पुरुषों के लिए
- गोखरू खाने का तरीका
- गोक्षुरा शुक्राणु के लिए अच्छा है?
- गोखरू की तासीर क्या होती है?
- क्या गोक्षुरा के साइड इफेक्ट होते हैं?
- गोक्षुरा या गोखरू कब लेना चाहिए?
- क्या मैं अश्वगंधा और गोक्षुरा एक साथ ले सकता हूं?
- गोखरू की पहचान कैसे करे?
- गोखरू कब होता है?
- गोक्षुरा और गोखरू में क्या अंतर है?
- अश्वगंधा और गोक्षुरा की गोलियां कैसे लेते हैं?
- कौन सा बेहतर अश्वगंधा या गोक्षुरा है?
- गोखरू कितने दिनों तक खाना चाहिए?
- गोखरू कहाँ मिलता है?
- गोखरू का दूसरा नाम क्या है?
- लोगों को गोखरू किस उम्र में होता है?
- गोखरू के नुकसान
- क्या गोखरू टेस्टोस्टेरोन बढ़ाता है?
- क्या गोक्षुरा लिवर के लिए अच्छा है?
- गोखरू की कीमत क्या है?
- गोखरू कौन सी बीमारी है?
गोखरू भारत, पाकिस्तान, चीन और मध्य पूर्व सहित दुनिया भर में उगता है। गोखरू एक झाड़ीदार पौधा है जिसमें 5-7 जोड़े चने के आकार के पत्ते होते हैं। इसके फूल पीले रंग के होते हैं और फल छोटे, गोल और कांटेदार होते हैं। गोखरू का औषधीय उपयोग सदियों से किया जा रहा है। यह मूत्रवर्धक, मूत्रवर्धक, कामोद्दीपक और सूजन-रोधी गुणों के लिए जाना जाता है। गोखरू का उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है
गोखरू क्या है
गोखरू एक आयुर्वेदिक औषधि है जो ज़मीन पर फैलता है इसका इस्तेमाल प्राचीन काल से स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता रहा है। यह आषाढ़ और श्रावण के महीने में लगभग हर तरह की ज़मीन या खाली ज़मीन पर उग जाता है। इसके पत्ते खंडित और फूल पीले रंग के होते हैं आयुर्वेद में गोखरू का इस्तेमाल वात दोष और पित्त दोष को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
गोखरू के फायदे पुरुषों के लिए
- यौन शक्ति में वृद्धि: गोखरू पुरुषों में यौन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे यौन इच्छा और प्रदर्शन में सुधार होता है।
- बांझपन में लाभकारी: गोखरू बांझपन की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है। यह शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में सुधार करता है।
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन में लाभकारी: गोखरू इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है। यह स्तंभन दोष को दूर करके पुरुषों को यौन संबंध बनाने में मदद करता है।
- जोड़ों के दर्द में लाभकारी: गोखरू जोड़ों के दर्द को दूर करने में मदद कर सकता है। यह सूजन और दर्द को कम करके जोड़ों को स्वस्थ रखता है।
- मूत्र संबंधी समस्याओं में लाभकारी: गोखरू मूत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। यह मूत्राशय के संक्रमण, मूत्राशय में सूजन और मूत्र की रुकावट को दूर करता है।
- पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है: गोखरू पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। यह कब्ज, दस्त और पेट फूलने जैसी समस्याओं को दूर करता है।
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गोखरू खाने का तरीका
गोखरू को कई तरह से खाया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- पाउडर: गोखरू को पाउडर के रूप में खरीदा जा सकता है और पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है।
- कैप्सूल: गोखरू को कैप्सूल के रूप में भी खरीदा जा सकता है।
- चाय: गोखरू की चाय बनाने के लिए, 1 चम्मच गोखरू पाउडर को 1 कप पानी में उबालें।
- अन्य खाद्य पदार्थों में मिलाकर: गोखरू को अन्य खाद्य पदार्थों में मिलाकर भी खाया जा सकता है, जैसे कि दलिया, सलाद या सूप।
- गोखरू की खुराक आपकी उम्र, वजन और स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। आमतौर पर, वयस्कों के लिए खुराक दिन में दो बार 250 से 500 मिलीग्राम होती है।
गोखरू कितने दिनों तक खाना चाहिए?
गोखरू कितने दिनों तक खाना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे किस बीमारी के लिए ले रहे हैं। अगर आप इसे किसी बीमारी के इलाज के लिए ले रहे हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर आपकी बीमारी और स्वास्थ्य के आधार पर आपको बताएंगे कि आपको गोखरू कितने दिनों तक खाना चाहिए।
सामान्य तौर पर, गोखरू का सेवन 30 से 60 दिनों तक किया जा सकता है। अगर आप इसे नियमित रूप से लेते हैं, तो आपको कुछ ही दिनों में इसके फायदे महसूस होने लगेंगे।
गोक्षुरा शुक्राणु के लिए अच्छा है?
हाँ, गोखरू शुक्राणु के लिए अच्छा है। गोखरू में कई ऐसे तत्व होते हैं जो शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करते हैं। गोखरू में पाए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण तत्वों में शामिल हैं:
- जैथिमोनिन: यह एक यौगिक है जो शुक्राणु के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है।
- टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने वाले तत्व: गोखरू में टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने वाले तत्व भी होते हैं, जो शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करते हैं।
- एंटीऑक्सीडेंट: गोखरू में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो शुक्राणु को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाने में मदद करते हैं।
- गोखरू के सेवन से शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता में सुधार होने के कई अध्ययन हुए हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि गोखरू के सेवन से शुक्राणु की संख्या में 30% तक की वृद्धि हुई। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि गोखरू के सेवन से शुक्राणु की गतिशीलता में 20% तक की वृद्धि हुई।
गोखरू का सेवन शुक्राणु की गुणवत्ता में भी सुधार करता है। एक अध्ययन में पाया गया कि गोखरू के सेवन से शुक्राणु की आकार और आकार में सुधार हुआ कुल मिलाकर, गोखरू शुक्राणु के लिए एक अच्छा उपाय है। यह शुक्राणु की संख्या, गुणवत्ता और गतिशीलता में सुधार करने में मदद करता है।
गोखरू की तासीर क्या होती है?
गोखरू की तासीर गर्म होती है। यह एक वात-पित्त शामक है। इसका उपयोग मूत्र संबंधी समस्याओं, यौन समस्याओं, जोड़ों के दर्द और अन्य कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
क्या गोक्षुरा के साइड इफेक्ट होते हैं?
हाँ, गोखरू के कुछ संभावित दुष्प्रभाव हो सकते हैं। ये दुष्प्रभाव आमतौर पर हल्के होते हैं और कुछ दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। गोखरू के कुछ संभावित दुष्प्रभावों में शामिल हैं:
- पेट में दर्द
- मतली और उल्टी
- दस्त
- सिरदर्द
- नींद न आना
- खुजली
- एलर्जी की प्रतिक्रिया
अगर आपको गोखरू के सेवन से कोई भी दुष्प्रभाव दिखाई दे, तो तुरंत इसका सेवन बंद कर दें और अपने डॉक्टर से सलाह लें।
गोक्षुरा या गोखरू कब लेना चाहिए?
गोखरू का उपयोग आमतौर पर जोड़ों के दर्द, सूजन और अन्य संबंधित स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर दिन में दो बार, भोजन के बाद लिया जाता है। हालांकि, कुछ लोग इसे सोने से पहले भी लेना पसंद करते हैं, क्योंकि यह नींद में सुधार करने में मदद कर सकता है।
गोखरू लेने का सबसे अच्छा समय यह है जब आपके जोड़ों में दर्द या सूजन सबसे अधिक हो। उदाहरण के लिए, यदि आपको सुबह उठने पर जोड़ों में दर्द होता है, तो आप इसे सोने से पहले ले सकते हैं। यदि आपको दिन के दौरान जोड़ों में दर्द होता है, तो आप इसे दिन में दो बार, भोजन के बाद ले सकते हैं।
गोखरू लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना हमेशा सबसे अच्छा होता है, खासकर अगर आपको कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है।
गोखरू लेने के लिए कुछ विशिष्ट समय सुझाव:
- जोड़ों में दर्द और सूजन के लिए: दिन में दो बार, भोजन के बाद।
- नींद में सुधार के लिए: सोने से पहले।
- गठिया के लिए: दिन में तीन बार, भोजन के बाद।
- थकान के लिए: दिन में दो बार, भोजन के बाद।
सुबह
- उठने के बाद, 30 मिनट पहले नाश्ता
- गोखरू का 1 चम्मच पाउडर या 1 कैप्सूल
- 30 मिनट बाद, नाश्ता करें
शाम
- रात के खाने से 30 मिनट पहले
- गोखरू का 1 चम्मच पाउडर या 1 कैप्सूल
- 30 मिनट बाद, रात का खाना खाएं
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क्या मैं अश्वगंधा और गोक्षुरा एक साथ ले सकता हूं?
हां, आप अश्वगंधा और गोखरू एक साथ ले सकते हैं। इन दोनों जड़ी-बूटियों के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, और वे एक साथ लेने पर एक दूसरे के प्रभाव को बढ़ा सकते हैं। अश्वगंधा एक उत्तेजक जड़ी-बूटी है जो ऊर्जा और सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करने और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। गोखरू एक नैट्रियूरेटिक जड़ी-बूटी है जो रक्तचाप को कम करने और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करती है। यह यौन स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है।
अश्वगंधा और गोखरू को आमतौर पर सुबह भोजन से पहले लिया जाता है। खुराक व्यक्ति के वजन और स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकती है।
अश्वगंधा और गोखरू एक साथ लेने के कुछ संभावित लाभ:
- ऊर्जा और सहनशक्ति में वृद्धि
- प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार
- तनाव को कम करने में मदद
- रक्तचाप को कम करने में मदद
- हृदय स्वास्थ्य में सुधार
- यौन स्वास्थ्य में सुधार
गोखरू की पहचान कैसे करे?
गोखरू एक जड़ी-बूटी है जो भारत, एशिया और उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी है। यह एक बारहमासी पौधा है जो 30 से 60 सेंटीमीटर ऊंचा होता है। गोखरू के फूल पीले रंग के होते हैं और फूलों के बाद, यह छोटे-छोटे गोलाकार बीज पैदा करता है जिन्हें गोखरू के नाम से जाना जाता है।
गोखरू की पहचान के लिए कुछ टिप्स:
- पौधा एक बारहमासी है जो 30 से 60 सेंटीमीटर ऊंचा होता है।
- पौधे के पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं और तीन भागों में विभाजित होते हैं।
- पौधे के फूल पीले रंग के होते हैं और फूलों के बाद, यह छोटे-छोटे गोलाकार बीज पैदा करता है जिन्हें गोखरू के नाम से जाना जाता है।
गोखरू कब होता है?
पौधा एक बारहमासी है
गोक्षुरा और गोखरू में क्या अंतर है?
गोक्षुरा और गोखरू दोनों एक ही पौधे के नाम हैं, जिसका वानस्पतिक नाम ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस है। गोक्षुरा संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है “गाय का खुर”। यह पौधे के कठोर और कंटीले बीजों के आकार के कारण है।
अश्वगंधा और गोक्षुरा की गोलियां कैसे लेते हैं?
अश्वगंधा और गोक्षुरा की गोलियां आमतौर पर दिन में दो बार, भोजन के बाद ली जाती हैं। खुराक व्यक्ति के वजन और स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकती है। अश्वगंधा और गोक्षुरा की गोलियां लेने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप उन्हें पानी से निगल लें। आप उन्हें चबा भी सकते हैं, लेकिन ऐसा करने से वे जल्दी घुल जाएंगे और उनके प्रभाव कम हो सकते हैं।
अश्वगंधा और गोक्षुरा की गोलियों की एक संभावित खुराक :
- वजन 50 किलो से कम: 1 गोली प्रति दिन
- वजन 50 से 70 किलो: 2 गोलियां प्रति दिन
- वजन 70 किलो से अधिक: 3 गोलियां प्रति दिन
कौन सा बेहतर अश्वगंधा या गोक्षुरा है?
अश्वगंधा और गोक्षुरा दोनों ही आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हैं जिनके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह कहना मुश्किल है कि कौन सी जड़ी-बूटी बेहतर है, क्योंकि यह व्यक्ति की व्यक्तिगत आवश्यकताओं और लक्ष्यों पर निर्भर करता है।
विशेषता | अश्वगंधा | गोक्षुरा |
---|---|---|
मुख्य लाभ | ऊर्जा और सहनशक्ति में वृद्धि, प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार, तनाव को कम करने में मदद | रक्तचाप को कम करने में मदद, हृदय स्वास्थ्य में सुधार, यौन स्वास्थ्य में सुधार |
उपयोग किए जाने वाले भाग | जड़ | बीज |
संभावित दुष्प्रभाव | चिंता, अनिद्रा, सिरदर्द | मतली, उल्टी, दस्त |
गोखरू कितने दिनों तक खाना चाहिए?
गोखरू कितने दिनों तक खाना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे किस उद्देश्य के लिए ले रहे हैं। यदि आप इसे किसी बीमारी के इलाज के लिए ले रहे हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए कि आपको इसे कितने दिनों तक लेना चाहिए। आमतौर पर, गोखरू को 30 से 60 दिनों तक लिया जाता है। यदि आप गोखरू को अपने स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए ले रहे हैं, तो आप इसे कम समय के लिए भी ले सकते हैं। कुछ लोग इसे केवल कुछ हफ्तों या महीनों के लिए लेते हैं।
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गोखरू को लेने के बाद, आपको अपने शरीर में किसी भी बदलाव पर ध्यान देना चाहिए। यदि आपको कोई दुष्प्रभाव महसूस होता है, तो आपको गोखरू लेना बंद कर देना चाहिए और अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
- वयस्कों के लिए, खुराक आमतौर पर दिन में दो बार 250 से 500 मिलीग्राम होती है।
- बच्चों के लिए, खुराक उनकी उम्र और वजन के आधार पर निर्धारित की जाती है।
- गोखरू को भोजन के साथ या भोजन के बिना लिया जा सकता है।
- गोखरू को पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है।
गोखरू कहाँ मिलता है?
गोखरू को भारत, चीन, जापान, उत्तरी अमेरिका और यूरोप में उगाया जाता है। भारत में, गोखरू को मुख्य रूप से जंगलों और खेतों में पाया जाता है। गोखरू को औषधीय उद्देश्यों के लिए भी उगाया जाता है। गोखरू को भारत में कई नामों से जाना जाता है, जिनमें गोक्षुरा, त्रिफला, और शतावरी शामिल हैं।
गोखरू को खरीदने के लिए, आप किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर या ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं।
गोखरू का दूसरा नाम क्या है?
गोखरू को भारत में कई नामों से जाना जाता है, जिनमें गोक्षुरा, त्रिफला, और शतावरी शामिल हैं।
लोगों को गोखरू किस उम्र में होता है?
गोखरू एक जड़ी-बूटी है, और यह किसी विशेष उम्र में लोगों को नहीं होता है। हालांकि, यह कुछ लोगों में कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जो कि उम्र के साथ बढ़ सकती हैं। उदाहरण के लिए, गोखरू कुछ लोगों में रक्तचाप को कम कर सकता है, जो कि बुजुर्गों में खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा, गोखरू कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन सकता है, जो कि किसी भी उम्र में हो सकता है।
गोखरू के नुकसान
- रक्तचाप में कमी: गोखरू कुछ लोगों में रक्तचाप को कम कर सकता है। यदि आप पहले से ही निम्न रक्तचाप से पीड़ित हैं, तो गोखरू लेने से बचना चाहिए।
- एलर्जी: गोखरू कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन सकता है। यदि आपको गोखरू लेने के बाद किसी भी प्रकार की एलर्जी प्रतिक्रिया का अनुभव होता है, तो तुरंत इसका सेवन बंद कर दें और अपने डॉक्टर से बात करें।
- मतली, उल्टी, और दस्त: गोखरू कुछ लोगों में मतली, उल्टी, और दस्त का कारण बन सकता है। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो गोखरू लेना बंद कर दें और अपने डॉक्टर से बात करें।
- मूत्राशय और गुर्दे की समस्याएं: गोखरू मूत्राशय और गुर्दे की समस्याओं को बिगड़ सकता है। यदि आपको पहले से ही मूत्राशय या गुर्दे की समस्या है, तो गोखरू लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
- गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षा: गोखरू गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो गोखरू लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
- यदि आप किसी अन्य दवा या सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो आपको गोखरू लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
क्या गोखरू टेस्टोस्टेरोन बढ़ाता है?
हाँ, गोखरू टेस्टोस्टेरोन बढ़ा सकता है। गोखरू में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करने वाले कई यौगिक होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- फाइटोस्टेरोल: फाइटोस्टेरोल टेस्टोस्टेरोन के समान होते हैं और वे टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
- इमबीडिन: इमबीडिन एक यौगिक है जो टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
- साइटोकिन्स: साइटोकिन्स हार्मोन होते हैं जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
- गोखरू का उपयोग करने से टेस्टोस्टेरोन के स्तर में 10% से 20% तक की वृद्धि हो सकती है। हालांकि, गोखरू का उपयोग करने से टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि सभी पुरुषों में नहीं देखी जाती है।
क्या गोक्षुरा लिवर के लिए अच्छा है?
हाँ, गोक्षुरा लिवर के लिए अच्छा है। गोक्षुरा में कई यौगिक होते हैं जो लिवर के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं
गोखरू की कीमत क्या है?
गोखरू की कीमत उसके रूप और खुराक के आधार पर अलग-अलग होती है। आमतौर पर, गोखरू पाउडर की कीमत प्रति 100 ग्राम ₹50 से ₹100 के बीच होती है। गोखरू कैप्सूल की कीमत प्रति 60 कैप्सूल ₹100 से ₹200 के बीच होती है। गोखरू की चाय की कीमत प्रति 100 ग्राम ₹20 से ₹50 के बीच होती है।
- गोखरू पाउडर, 100 ग्राम: ₹50 से ₹100
- गोखरू कैप्सूल, 60 कैप्सूल: ₹100 से ₹200
- गोखरू की चाय, 100 ग्राम: ₹20 से ₹50
गोखरू कौन सी बीमारी है?
गोखरू कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। गोखरू का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
- पुरुषों में यौन समस्याएं
- लिवर की बीमारी
- मूत्राशय की समस्याएं
- मधुमेह
- हृदय रोग
- कैंसर
Disclaimer
गोखरू को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ लोगों को गोखरू लेने से दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि मतली, उल्टी और दस्त। यदि आपको गोखरू लेने के बाद कोई दुष्प्रभाव दिखाई देता है, तो आपको गोखरू लेना बंद कर देना चाहिए और अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
Greetings! I am Nitesh Mishra, a passionate individual hailing from the vibrant city of Kolkata, India. As a tech enthusiast and a creative mind, I have found my calling in the digital realm, where I thrive as a Blogger, Website Manager, and SEO Specialist.