शतावरी के फायदे पुरुषों के लिए (14 बेहतरीन फायदे)

शतावरी के फायदे पुरुषों के लिए: शतावरी बहुत ही असरदार यह जड़ी-बूटी पुरुषों की सभी समस्याओं को दूर करने में है बेहद फायदेमंद।


शतावरी (Shatavari) एक औषधीय जड़ी-बूटी है जो हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम एस्पेरेगस रेसिमोसस (Asparagus racemosus) है। शतावरी को संस्कृत में शतमूली और अंग्रेजी में एस्पेरेगस (Asparagus) के नाम से भी जाना जाता है।

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  • शतावरी एक लता के रूप में उगती है, और इसमें कम से कम 100 जड़ें होती हैं। ये जड़ें लगभग 30-100 सेमी लम्बी, एवं 1-2 सेमी मोटी होती हैं।
  • शतावरी को आयुर्वेद में एक गैलेक्टागॉग के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग स्तन दुग्ध के स्राव को उत्तेजित करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग शरीर से कम होते वजन में सुधार के लिए भी किया जाता है।

शतावरी में कार्बोहाइड्रेट, शुगर, मैग्नीशियम, कैल्शियम, प्रोटीन, एनर्जी, आयरन और कई तरह के विटामिन्स भी पाए जाते हैं।

शतावरी के फायदे
शतावरी

शतावरी कौन ले सकता है?शतावरी का असर कितने दिन में होता है?शतावरी कितनी बार लेना है?शतावरी लेने का सबसे अच्छा समय क्या है?क्या शतावरी को खाली पेट लिया जा सकता है?

शतावरी के फायदे पुरुषों के लिए | Shatavari ke Fayde

शतावरी में पोटेशियम होता है, जो उच्च रक्तचाप के प्रभावों को कम कर सकता है। यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार कर सकता है और मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा हो सकता है क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करता है। शतावरी अपनी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि के कारण स्मृति कार्यों को भी बढ़ावा दे सकती है।

शतावरी का असर एक सप्ताह के अंदर ही दिखने लगता है। आप दिन में दो बार आधा चम्मच यानी लगभग 5 ग्राम चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर पी सकते हैं।

शतावरी के फायदे पुरुषों के लिए
शतावरी के फायदे पुरुषों के लिए

शतावरी के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:

कामेच्छा बढ़ाना

पुरुषों के लिए शतावरी का सबसे बढ़िया फायदा है की यह कामेच्छा को बढ़ाने वाली होती है। शतावरी में कई यौन हार्मोनों को बढ़ावा देने वाले गुण होते हैं, जिनमें टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन शामिल हैं। यह हार्मोन को नियंत्रित करने और तनाव को कम करने में मदद करता है जिससे कम कामेच्छा में वृद्धि होती है और पुरुषों की सेक्स ड्राइव में सुधार होता है। शतावरी पुरुषों में कामेच्छा और कामेच्छा बढ़ाने के लिए एक अत्यधिक प्रभावी हर्बल दवा है।

पाचन में सुधार

शतावरी पुरुषों के पाचन स्वास्थ्य में सुधार के लिए कई लाभकारी प्रभावों के लिए जानी जाती है। यह पाचन रस के उत्पादन को बढ़ावा देने, कब्ज को रोकने और अपच को ठीक करने में मदद कर सकती है।

  • कब्ज को रोकने: यह आंतों की गतिशीलता को बढ़ावा देने और मल को नरम करने में मदद करती है।
  • अपच को ठीक करने: शतावरी अपच को ठीक करने में मदद कर सकती है। यह पेट में एसिड के उत्पादन को संतुलित करने और सूजन को कम करने में मदद करती है।

प्रजनन क्षमता में सुधार

शतावरी पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य में शुक्राणु उत्पादन को बढ़ावा देने, शुक्राणुओं की गतिशीलता और आकार में सुधार करने और प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना

शतावरी पुरुषों के कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ावा देने में मदद करती है।

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना

शतावरी में ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने की क्षमता होती है। यह उच्च रक्तचाप को कम करने और स्वस्थ रक्तचाप के स्तर को बनाए रखने में मदद करती है। एक जापानी अध्ययन (Ref) के अनुसार, शतावरी ने चूहों में हाई ब्लड प्रेशर को कम कर दिया था। अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला कि शतावरी में एक यौगिक एसीई अवरोधक के रूप में काम करता है।

स्वप्नदोष दूर करना

स्वप्नदोष एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुषों को रात में अनियंत्रित रूप से वीर्य स्खलन होता है। अगर कोई पुरुष स्वप्नदोष से पीड़ित है तो उसको शतावरी का सेवन करना चाहिए। शतावरी पुरुषों के स्वप्नदोष को दूर करने में मदद करने के लिए जाना जाता है। इससे ये समस्या खत्म हो सकती है।

शतावरी के फायदे

गुर्दे की पथरी का इलाज

शतावरी (Asparagus) का उपयोग पुरुषों में गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए किया जा सकता है। यह पथरी को तोड़ने और उन्हें मूत्र के साथ बाहर निकालने में मदद करती है। शतावरी का चूर्ण 250 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से स्वप्नदोष से छुटकारा मिल सकता है।

वजन घटाना

शतावरी पुरुषों के लिए वजन घटाने के लिए फायदेमंद हो सकती है यह भूख को कम करने और चयापचय को बढ़ाने में मदद करती है। क्योंकि इसमें घुलनशील और अघुलनशील फाइबर होते हैं। शतावरी में कैलोरी और वसा कम होती है, जो वजन घटाने के लिए एक अच्छा आहार बनाती है। शतावरी में मौजूद फाइबर मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है और पेट को लंबे समय तक भरा रख सकता है।

बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करना

शतावरी में एंटीऑक्सिडेंट और ग्लूटाथियोन होते हैं, जो बढ़ती उम्र की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद कर सकते हैं। शतावरी शरीर को मुक्त कणों से बचाने में मदद करते हैं। मुक्त कण उम्र बढ़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं। शतावरी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। सूजन भी उम्र बढ़ने के साथ जुड़ी होती है। नियमित रूप से शतावरी का सेवन करने से पुरुषों में झुर्रियों और शारीरिक कमजोरी को दूर करने में मदद मिल सकती है।

रक्त शर्करा को नियंत्रित करना

शतावरी में इंसुलिन जैसा प्रभाव होता है। यह इंसुलिन की प्रतिक्रिया को बढ़ाने में मदद करता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। शतावरी में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो रक्त वाहिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में

शतावरी पुरुषों के लिए कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। यह टेस्टोस्टेरोन और प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद कर सकता है। शतावरी मांसपेशियों को मजबूत करने में भी मदद कर सकती है, जिससे शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती है।

हैंगओवर कम होता है

शतावरी के सेवन से हैंगओवर की परेशानी को भी दूर कर सकतें हैं। शतावरी में कई ऐसे गुण होते हैं जो हैंगओवर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, शतावरी में अमीनो एसिड पाया जाता है, जो शराब के लत कम करता है। खासतौर पर भांग खाने के दौरान होने वाले प्रभाव कम करने में यह लाभकारी होता है।

मूत्रवर्धक के रूप में

शतावरी एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करता है। मूत्रवर्धक एक प्रकार की दवा है जो मूत्र उत्पादन को बढ़ाती है। यह शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ और विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद कर सकता है। यह शरीर से अतिरिक्त नमक और तरल पदार्थ को निकालने में मदद करता है। यह विशेष रूप से एडिमा और उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों के लिए अच्छा है।

कैंसर से बचाए

शतावरी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो मुक्त कणों से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद कर सकते हैं। मुक्त कण कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। शतावरी में फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने या धीमा करने में मदद कर सकते हैं।

शतावरी के नुकसान पुरुषों के लिए

शतावरी के कुछ नुकसान पुरुषों के लिए हो सकते हैं।

शतावरी में फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं, जो एस्ट्रोजन के प्रभाव की नकल करते हैं। पुरुषों में, शतावरी के अत्यधिक सेवन से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। यह कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर, कामेच्छा में कमी और प्रजनन कार्यों में संभावित व्यवधान का कारण बन सकता है।

शतावरी के फायदे

शतावरी के अन्य नुकसानों में शामिल हैं:

  • एलर्जी
  • हाइपरक्लेसेमिया
  • पसीने में बदबू
  • यूरिन में बदबू

शतावरी का मूत्रवर्धक प्रभाव होता है। आपको इसे अन्य मूत्रवर्धक जड़ी-बूटियों या दवाओं जैसे फ़्यूरोसेमाइड (लासिक्स) के साथ नहीं लेना चाहिए। शतावरी आपके ब्लड शुगर को कम कर सकती है। आपको ब्लड शुगर को कम करने वाली अन्य दवाओं या जड़ी-बूटियों के साथ इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

अंत में

शतावरी पुरुषों के लिए कई तरह से फायदेमंद है। अगर आप भी यौन समस्याओं से गुजर रहे हैं तो शतावरी का सेवन फायदेमंद है। आप अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार शतावरी का सेवन कर सकते हैं।

अश्वगंधा शतावरी कितने दिन तक खाना चाहिए

अश्वगंधा और शतावरी दोनों ही जड़ी-बूटियों को आमतौर पर 2-3 महीने तक नियमित रूप से लेने की सलाह दी जाती है। इससे इन जड़ी-बूटियों के लाभों को पूरी तरह से अनुभव करने में मदद मिलती है। हालांकि, कुछ मामलों में, इन जड़ी-बूटियों को लंबे समय तक भी लिया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अश्वगंधा को कई वर्षों तक लेने से तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है।

अश्वगंधा सफेद मूसली शतावरी खाने का तरीका

अश्वगंधा सफेद मूसली शतावरी खाने का तरीका

चूर्ण के रूप में
अश्वगंधा, सफेद मूसली और शतावरी के चूर्ण को दूध, पानी या जूस के साथ मिलाकर लिया जा सकता है। एक चम्मच (5 ग्राम) चूर्ण को दिन में दो बार लें।

कैप्सूल के रूप में
अश्वगंधा, सफेद मूसली और शतावरी के कैप्सूल भी बाजार में उपलब्ध हैं। एक कैप्सूल दिन में दो बार लें।

घटक के रूप में
अश्वगंधा, सफेद मूसली और शतावरी को कई आयुर्वेदिक दवाओं और सप्लीमेंट्स में एक घटक के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।

अश्वगंधा शतावरी से कितने दिन में वजन बढ़ेगा

अश्वगंधा और शतावरी से वजन बढ़ने में कितना समय लगेगा, यह व्यक्ति की उम्र, लिंग, स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। आमतौर पर, अश्वगंधा और शतावरी से वजन बढ़ने में 60-90 दिन लगते हैं। कुछ मामलों में, वजन बढ़ने में 6 महीने या उससे अधिक समय लग सकता है।

शतावरी का सेवन पुरुष भी कर सकते है

हाँ, शतावरी का सेवन पुरुष भी कर सकते हैं।

शतावरी कितने दिन तक खाना चाहिए?

शतावरी कितने दिन तक खाना चाहिए, यह व्यक्ति की उम्र, लिंग, स्वास्थ्य और आवश्यकताओं के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर, शतावरी को 2-3 महीने तक नियमित रूप से लेने की सलाह दी जाती है। इससे शतावरी के लाभों को पूरी तरह से अनुभव करने में मदद मिलती है।

कुछ मामलों में, शतावरी को लंबे समय तक भी लिया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आप प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए शतावरी ले रहे हैं, तो आपको इसे कम से कम 6 महीने तक लेना चाहिए।

शतावरी का पौधा कैसा होता है

शतावरी

शतावरी एक सदाबहार झाड़ीदार पौधा है जो 1 से 2 मीटर तक ऊंचा होता है। इसकी जड़ें लंबी और मोटी होती हैं। शतावरी के पत्ते पतले और लंबे होते हैं। इसके फूल सफेद रंग के होते हैं और वसंत ऋतु में खिलते हैं।

शतावरी का पौधा भारत, नेपाल, चीन, जापान और यूरोप के कुछ हिस्सों में पाया जाता है। यह पौधा आमतौर पर जंगलों, पहाड़ों और नदियों के किनारे पाया जाता है।

सफेद मूसली अश्वगंधा और कौंच के बीज गोखरू शतावरी तथा शिलाजीत एक साथ लेने से क्या होता है?

शिलाजीत स्टोन, सफ़ेद मूसली, अश्वगंधा और कौंच बीज पाउडर को कॉम्बिनेशन के रूप में रीवाइटलाइज़र और एनर्जाइज़र के रूप में जाना जाता है। इन जड़ी-बूटियों को एक साथ लेने से शरीर स्वस्थ और मज़बूत बनता है।

इस कॉम्बो का उपयोग बॉडी बिल्डर, स्पोर्ट्स पर्सन और लो बॉडी मास वाले लोगों द्वारा उनके शरीर और मांसपेशियों को विकसित करने के लिए किया जा सकता है

शतावरी चूर्ण कब खाना चाहिए

शतावरी चूर्ण का सेवन दिन में दो बार किया जा सकता है। सुबह खाली पेट या रात में सोने से पहले शतावरी चूर्ण का सेवन करना सबसे अच्छा होता है।

सुबह खाली पेट शतावरी चूर्ण का सेवन करने से यह शरीर में जल्दी से अवशोषित हो जाता है और इसके लाभों को पूरी तरह से अनुभव करने में मदद मिलती है।
रात में सोने से पहले शतावरी चूर्ण का सेवन करने से यह शरीर को आराम करने और नींद लेने में मदद करता है।

शतावरी चूर्ण कैसे खाएं

शतावर चूर्ण का स्वाद हल्का कड़वा होता है. इस चूर्ण को आप दूध के साथ ले सकते हैं। आमतौर पर एक दिन में एक से दो चम्मच (5 ग्राम) शतावरी चूर्ण को एक गिलास दूध में मिलाकर सुबह खाली पेट या रात में सोने से पहले लेंने की सलाह दी जाती है।

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